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कर्नाटक में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

कर्नाटक में किसकी होगी हार और कौन बनेगा मुख्यमंत्री?  

अगर कर्नाटक चुनावों में त्रिशंकु जनादेश की अटकलें सच होती हैं, तो जद (एस) को 2023 में सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका लायक सीटें मिल सकती हैं। 2018 में बहुजन समाज पार्टी से समझौता करके जेडीएस ने इलेक्शन लड़ा था और उसने 37 सीटें हासिल करके कुमार स्वामी को मुख्यमंत्री बनवा लिया था जिसमें बीएसपी के एक एमएलए को भी मंत्री बनने का मौका मिला था। इस भूमिका में बने रहने के लिए जद (एस) के नेता कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसके नेता एचडी कुमारस्वामी के पारिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। हालाँकि, इस बार कुछ राजनीतिक विश्लेषक और पार्टी के सदस्य संदेह कर रहे हैं कि क्या जद (एस) इस लक्ष्य को प्राप्त कर पायेगा? पार्टी का अब तक का सर्वोच्च प्रदर्शन 2004 के विधानसभा चुनावों में आया जब उसे विधानसभा में 58 सीटें मिलीं थीं। पार्टी ने 2013 में 40 सीटों पर जीत दर्ज करके अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। इस बार कर्नाटक में बीएसपी का जनता दल एस के साथ समझौता नहीं है और वह अपने अकेले दम पर ही चुनाव लड़ रही है। इसलिए जनता दल एस के वोट परसेंट और सीटों में इस बार कमी आ सकती है।

2018 में बीएसपी को सभी 17 सीटों पर 1,02,451 वोट मिले थे, जिनमें जीतने वाले पुराने बामसेफी एम महेश को 71,792 वोट मिले थे। इसकी तुलना में जब बसपा ने 2013 में  राज्य की 175 सीटों पर चुनाव लड़ा था तब पार्टी को 2,84,768 वोट मिले थे।

2018 में "हालांकि बसपा गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन जद (एस) इसके बारे में गंभीर नहीं था, और न तो उनके कार्यकर्ताओं ने बसपा के 17 प्रत्याशियों की मदद की और न ही प्रचार के लिए जेडीएस के नेताओं ने जमीन पर समर्थन दिया। अगर उन्होंने बसपा को अपना माना होता, तो 2018 में पार्टी कम से कम चार सीटें जीतने में कामयाब हो जाती। अगर इस बार बसपा 2013 का प्रदर्शन दोहरा पाती है तो जनता दल एस को 2013 के बराबर 40 सीटें तो मिल सकती हैं लेकिन उसका मुख्यमंत्री बनना मुश्किल होगा। 2013 में अगर हम कांग्रेस के प्रदर्शन की बात करें तो उन्हें 122 सीटें मिलीं और भाजपा को मात्र 40 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। इसलिए यह स्पष्ट संदेश है कि यदि 2013 के चुनाव परिणाम 2023 में आते हैं तो कांग्रेस अपने दम पर ही सरकार बनाने में सफल हो सकती है।

अब हम चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों की भी बात कर लेते हैं-- टीवी9 और सी-वोटर द्वारा भविष्यवाणी की गई है कि कांग्रेस 106-116 सीटें जीतेगी और भाजपा 79 और 89 के बीच रहेगी। जेडी (एस) के 24-34 निर्वाचन क्षेत्रों में विजयी होने की उम्मीद है। पब्लिक टीवी के 'मूड ऑफ कर्नाटक' ने भी कांग्रेस को 98-108 सीटों पर बढ़त दी, जो 113 के बहुमत के निशान से नीचे है। पोल के अनुसार, बीजेपी राज्य में 85-95 सीटें जीतेगी जबकि जेडी (एस) जीतेगी 28-33 सीटें।

वैसे तो हर चुनाव से पहले चुनाव विश्लेषक यह कयास लगाते रहते हैं चुनाव परिणाम अमुक पार्टी के पक्ष में रहेंगे। कर्नाटक में आज 10 म‌ई को मतदान होने के बाद अब असली परिणाम तो हमें 13 मई को ही प्राप्त होंगे जब वोटों की गिनती होगी। तब तक लोग एग्जिट पोल पर माथापच्ची करते रहेंगे। इस बार कर्नाटक के चुनाव परिणाम बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही नरेंद्र मोदी का भविष्य भी तय करेंगे। डबल इंजन आगे चलता है या रुकता है?