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जनरल बॉडी मीटिंग में प्रस्तुत 2021-22 की द्विवार्षिक रिपोर्ट

राष्ट्रीय समग्र विकास संघ (रजि.)

जनरल बॉडी मीटिंग में प्रस्तुत 2020-22 की

त्रिवर्षीय रिपोर्ट 

स्थान: गाँधी पीस फाउन्डेशन
दिनांक: 18 मार्च 2023

माननीय पदाधिकारीगण, सदस्यगण और प्रतिष्ठित महानुभावों,

सर्वप्रथम, मैं उपस्थित सभी महानुभावों का राष्ट्रीय समग्र विकास संघ की ओर से हार्दिक स्वागत और अभिनंदन करता हूं। साथ ही संघ की गतिविधियों, क्रियाकलापों, उपलब्धियों तथा वार्षिक लेखा रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अनुमति चाहता हूं--   

यह सभी को विदित है कि 19 जनवरी 2014 को, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदायों के सेवारत/ अवकाश प्राप्त कर्मचारियों, अधिकारियों, अधिवक्ताओं, साहित्यकारों, शिक्षकों, पत्रकारों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, सामाजिक-आर्थिक चिंतकों, शोधार्थियों तथा अन्य विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धिजीवियों ने संविधान के दायरे में रहकर राष्ट्र और सामाज के विकास में अपना समुचित योगदान देने के लिए 'राष्ट्रीय समग्र विकास संघ' को मूर्त रूप दिया।

राष्ट्रीय समग्र विकास संघ को आधार प्रदान करने का कार्य भारतीय आर्थिक सेवा से अवकाश प्राप्त अधिकारी श्री के. सी. पिप्पल तथा भारतीय पुलिस सेवा से अवकाश प्राप्त अधिकारी श्री चमन लाल जी ने अन्य समर्पित साथियों के सहयोग से किया।

राष्ट्रीय समग्र विकास संघ (आर‌एसवीएस) ने सामूहिक नेतृत्व, आंतरिक लोकतंत्र, लोक कल्याण एवं 'एक व्यक्ति-एक मूल्य' जैसे मानवीय समानता के सिद्धांत को आत्मसात करके संवैधानिक लक्ष्य की प्राप्ति करने हेतु, गैर राजनीतिक, गैर धार्मिक एवं गैर आंदोलनात्मक तरीकों से सं‌‌घ के पांच सूत्रीय मुद्दों पर शोधात्मक कार्यों द्वारा आगे बढ़ने का प्रयास किया है।

20 अगस्त 2018 को 'राष्ट्रीय समग्र विकास संघ' का रजिस्ट्रेशन दिल्ली में हुआ, पेनकार्ड भी दिल्ली का है। संघ' का रजिस्टर्ड कार्यालय कोटला मुबारकपुर, दिल्ली में स्थित है, जिसके प्रभारी पूर्व अध्यक्ष श्री सोहन लाल जी हैं। संगठन का खाता आईडीबीआई बैंक में है, जिसे संघ के तीन पदाधिकारी ‘अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष’ संचालित करते हैं। संगठन के वर्तमान संरक्षक मान्यवर हीरा लाल एडवोकेट, आईएएस (सेनि.) हैं।

संघ की अधिकृत वेबसाइट www.rsvsindia.com है जिस पर संघ की पूरी वैचारिकी उपलब्ध है। संघ के मीडिया प्रभारी मान्यवर ओ पी महायान जी का 'साझा मकसद' अखवार और श्री सुरेन्द्र कुमार सिंह का 'एस‌एम न्यूज' यूट्यूब चैनल आर‌एसवीएस के मीडिया सहयोगी हैं। आर‌एसवीएस की विचारधारा की अधिकृत रिपोर्टिंग साझा मकसद पेपर के विभिन्न अंकों में डिजिटल रूप में भी मौजूद है।

संघ के कानूनी मामलों का प्रभार श्री पी आई जोस, श्री एस एस नेहरा, श्री हीरा लाल और श्री के के एल गौतम देखते हैं। 103वें संविधान संशोधन के विरुद्ध 2019 में रघु ठाकुर एवं "राष्ट्रीय समग्र विकास संघ" बनाम भारत सरकार, एक रिट याचिका संख्या 178/2019 दायर की गई  थी। 14.9.2022 को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष प्रोफेसर रवि कुमार वर्मा, सीनियर एडवोकेट एवं श्री एस एस नेहरा, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड द्वारा बहुत ही तार्किक बहस की गई, जिसको डिजिटल रूप से प्रसारित किया गया।10% EWS-आरक्षण विशुद्ध रूप से सवर्णों के लिए तोहफा है, OBC, SC और ST समाज के गरीबों को कोई स्थान नहीं है। 103वें संविधान संशोधन के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध राष्ट्रीय समग्र विकास संघ ने एक रिव्यू पिटिशन दायर की है। इससे पहले भी राष्ट्रीय समग्र विकास संघ ने उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति और ओबीसी की लिस्ट से उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा 8 जातियों को निकाले जाने पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित केस में पैरवी की थी जिसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति और ओबीसी की पूर्व लिस्ट को यथावत रखा गया।  

वर्तमान कार्यकारणी 19 जनवरी 2020 से कार्यरत है, जिसके माननीय अध्यक्ष, डॉ जय करन जी हैं। राष्ट्रीय समग्र विकास संघ के सम्मानित संरक्षक सेवानिवृत्त आईएएस और वर्तमान में सर्वोच्च न्ययालय के अधिवक्ता श्री हीरालाल जी हैं।

मार्च 2020 में कोविड महामारी की घोषणा के बाद, राष्ट्रीय समग्र विकास संघ की निम्नलिखित बैठकें और कार्यक्रम आयोजित हुए उनका विस्तृत व्यौरा संघ की वेबसाइट पर उपलब्ध है - मीटिंगों की टाइमलाइन के तहत कार्यकारिणी गठित होने के बाद पहली मीटिंग 15 फरवरी 2020 को हुई। उसके बाद 23 फरवरी 2020, 1 मार्च 2020, 15 मार्च 2020, 25 अक्टूबर 2020, 31 अक्टूबर 2020, 1 नवंबर 2020, 17 जनवरी 2021, 31 जनवरी 2021, 25 सितंबर 2021, 17 अक्टूबर 2021, 31 अक्टूबर 2021, 12 दिसंबर 2021, 27 मार्च 2022, 14 अप्रैल 2022, 28 अगस्त 2022, 18 सितंबर 2022 तक उपरोक्त 16 से अधिक छोटी बड़ी मीटिंगें हुईं।

17 जनवरी 2021 को संविधान के 71वर्ष की यात्रा  पूरी होने पर, संविधान और समानता की संस्कृति, विषय पर राष्ट्रीय समग्र विकास संघ ने सहयोगी संगठनों 'आमोद' तथा 'बहुजन सामाजिक परिसंघ' के साथ संयुक्त रुप से गांधी पीस फाउंडेशन, नई दिल्ली में एक सेमिनार का सफल आयोजन किया। कोविड के उस खौफनाक दौर में भी यह कार्यक्रम शाम तक चला और लोगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।

31 अक्टूबर 2021 को, समग्र स्वास्थ्य एवं चिकित्सा-एक जरूरत, विषय पर, कृष्णा मेनन भवन 9, भगवानदास रोड, नई दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन, राष्ट्रीय समग्र विकास संघ के फाउंडेशन डे के रूप में किया गया। उपरोक्त स्वास्थ्य संबंधी विषय संगठन के पांचवें नंबर पर दर्ज है। इस फाउंडेशन दिवस के अवसर पर निम्नलिखित मुख्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही -

डॉ (प्रोफेसर) जगदीश प्रसाद पूर्व महानिदेशक स्वास्थ सेवाएं, भारत सरकार।

पद्मश्री, डॉ (प्रोफेसर) एस. एन. कुरील, पूर्व विभागाध्यक्ष वाल चिकित्सा एवं यूरोलॉजी सर्जरी, केजीएमसी लखनऊ।

सहायक प्रोफेसर, डॉ राजकुमारी बंसल, राजकीय मेडिकल कॉलेज जबलपुर, मध्य प्रदेश।

इस अवसर पर डॉ नितिन भारती एवं डॉ सिद्धार्थ कुमार से आमंत्रित अतिथि थे जिनको संगठन की तरफ से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही

इन दो वर्षों के दौरान सरकारी सेवा से निवृत्त होकर समाज की सेवा में अपना समय अर्पित करने वाले सदस्यों के स्वागत के क्रम में श्री पुरुषोत्तम कुमार, डॉ आर. सी. व्यास, डॉ भगवान दास, श्री राजपाल सिंह, श्री रुप किशोर, श्री रघुवीर सिंह प्रधानाचार्य का शाल भेंट कर सम्मान किया गया।

14 अप्रैल 2022 को संसद मार्ग पर बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती का आयोजन, राष्ट्रीय समग्र विकास संघ के संयोजन में बड़े आयोजित किया गया जिसमें किसान नेता सम्मानित श्री राकेश टिकैत बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस आयोजन में डॉ जय करन, अध्यक्ष, राष्ट्रीय समग्र विकास संघ ने अपनी टीम के साथ मेडिकल स्क्रीनिंग कैंप लगाकर करीब 200 लोगों को ब्लड प्रेशर तथा शुगर चेक करके लाभान्वित किया। इस टीम में जिन डाक्टरों का विशेष सहयोग रहा उनमें डॉ मेघा खोब्रागडे, डॉ आर सी व्यास, डॉ यदु लाल, डॉ सी बी सिंह और डॉ राजकुमार शामिल हैं।

राष्ट्रीय समग्र विकास संग के पांच प्रमुख मुद्दे--

1. आरक्षण की समग्र सामाजिक प्रतिनिधित्व प्रणाली।

2. भ्रष्टाचार मुक्त समग्र चुनाव प्रणाली।

3. समान स्तरीय एक रुप शिक्षा प्रणाली।

4. समग्र रोजगार एवं उपयुक्त वेतन प्रणाली।

5. निशुल्क एवं समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रणाली।

उपरोक्त सभी मुद्दे राष्ट्र के समग्र विकास के लिए आवश्यक हैं। यह राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों को काम करने के लिए एक पंचशील मार्ग के तरह हैं। यह मुद्दे भारतीय संविधान के अनुरूप हैं। इन उद्देश्यों को पूरा किए बिना राष्ट्र का सही रूप में निर्माण नहीं हो सकता।

साथियों,

यहां यह बताना आवश्यक है कि राष्ट्रीय समग्र  विकास संघ के पांच प्रमुख मुद्दों पर ही पूरे देश में चिंतन, मनन, मंथन, संघर्ष और परिवर्तन परिलक्षित हो रहा है।

संविधान और समानता पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले वर्षों में कई मौकों पर चिंता व्यक्त करते हुए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं-

समग्र स्वास्थ्य एवं चिकित्सा- एक जरूरत, मुद्दे के तहत कोविड काल के दौरान, मानव जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता सिद्ध हुई है। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देश जारी करने के बाद उस काल में सरकार द्वारा तत्परता दिखाई गई। स्वास्थ्य की निशुल्क चिकित्सा सरकार का दायित्व संबंधी विषय को राष्ट्रीय समग्र विकास संघ एक गंभीर विषय मानता है।

भ्रष्टाचार मुक्त चुनाव प्रणाली के लिए, राष्ट्रीय समग्र विकास संघ एक बड़ा सेमिनार सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कर चुका है, जिसमें भ्रष्टाचार मुक्त चुनाव व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की गई थी। उस सेमिनार में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश माननीय के जी बालाकृष्णन, भारत के पूर्व इलेक्शन कमिश्नर श्री जी वी जी कृष्णमूर्ति, एडीआर के डायरेक्टर रिटायर मेजर जनरल अनिल कुमार वर्मा सहित प्रोफेसरों, मीडिया कर्मीयों और विषय के जानकार बुद्धिजीवियों ने शिरकत की थी। 

मार्च 2023 के प्रथम सप्ताह में, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 5-0 से फैसला देकर एक कॉलेजियम बनाने की सिफारिश की है। इस कालिजियम में, सर्वोच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश, माननीय प्रधानमंत्री और लोकसभा में माननीय नेता प्रतिपक्ष को शामिल करने की  सिफारिश की है।

उपरोक्त फैसले और सामयिक विमर्श, राष्ट्रीय समग्र विकास संघ की गंभीरता और प्रासंगिकता को सर्वथा उचित सिद्ध करते हैं। 

धन्यवाद,

प्रस्तुति- राम प्रकाश, महासचिव